कंपनी परिदृश्य
- भारत डायनामिक्स लिमिटेड की स्थापना दि. 16 जुलाई, 1970 को एक सार्वजनिक उपक्रम में रूप में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन हैदराबाद में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के लिए संचलित प्रक्षेपास्त्र प्रणाली व इनसे जुड़े रक्षा उपकरण बनाने का आधार-पीठ तैयार करने की दृष्टि से की गयी थी। अपनी स्थापना के समय से बी डी एल, डी आर डी ओ और विदेशी मूल विनिर्माणकर्ता (ओ ई एम) के साथ मिलकर तीनों सेनाओं के लिए विभिन्न प्रकार की मिसाइल व इनसे जुड़े उपकरण तैयार कर देता आ रहा है।
- एकीकृत संचलित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम (IGMDP) के माध्यम से देशी तौर पर अत्याधुनिक व नयी मिसाइलें बनाने की दिशा में राष्ट्र द्वारा की गयी पहल से बी डी एल को इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदार बनने का अवसर मिला। इस मिसाइल कार्यक्रम के तहत बी डी एल की पहचान प्रमुख उत्पादन एजेंसी के रूप में की गयी। इससे उन्नत मिसाइल विनिर्माण और इसके कार्यक्रम प्रबंधन प्रौद्योगी व कौशल को आत्मसात करने के काफी अवसर प्राप्त हुए।
- आज, बी डी एल दुनिया के कुछ ऐसे चुनिंदा उद्योगों में से एक बनकर उभरा है जो भारतीय सशस्त्र सेनाओं के लिए संचलित प्रक्षेपास्त्र, अंतर्जलास्त्र, वायु वाहित उत्पाद और संबद्ध रक्षा उपकरण बनाकर देने की उत्कृष्ट सुविधाओं से सुसज्जित है। साथ ही, बी डी एल पुरानी मिसाइलों के कार्यकाल का विस्तार और इनके पुनर्सज्जीकरण का कामकाज भी करता है।
- बी डी एल ने एक मिसाइल विनिर्माता से प्रौढ़ प्रगति कर अस्त्र प्रणाली एकीकर्ता के रूप में अपने आपको विकसित किया है। साथ ही, भारतीय सशस्त्र सेनाओं की हर जरूरत के लिये एक समाधान प्रदाता के रूप में भी बनकर उभरा।
- बी डी एल की चार विनिर्माण इकाइयाँ हैं। इनमें से तीन तेलंगाना राज्य के हैदराबाद, भानूर और इब्राहीमपट्टणम में हैं जबकि चौथी इकाई आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टणम में। साथ ही, सशस्त्र सेनाओं की बढ़ती माँग को देखते हुए बी डी एल अपनी विस्तार योजना के अंतर्गत महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक और इकाई स्थापित करने के कार्य में जुटा है।
- बी डी एल डी आर डी ओ के सहयोग से विभिन्न प्रकार के देशी तौर पर डिजाइन कर विकसित मिसाइल और अंतर्जलास्त्र तैयार कर रहा है। ऐसे उत्पादों में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ‘आकाश’ प्रमुख है जिसके विनिर्माण में इस उद्योग के कई आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। इसी प्रकार एन एस टी एल, डी आर डी ओ के सहयोग से भार वाले टॉरपीडो का विनिर्माण किया जा रहा है और इसमें भी रक्षा उद्योग के कई आपूर्तिकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी है। हल्के भार वाले टॉरपीडो का निर्यात भी किया जा रहा है।
- बी डी एल ‘दृश्य सीमा से परे’ (Beyond Visual Range) ‘अस्त्र’ हथियार प्रणाली भी तैयार करने जा रहा है। यह अस्त्र प्रणाली डी आर डी ओ द्वारा विकसित है।
- ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संबंध में भारत सरकार द्वारा की गयी घोषणाओं के फलस्वरूप भारतीय रक्षा उद्योग को कई अवसर प्राप्त हुए। जिसके परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना साकार होगी। ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से बी डी एल ने कई कदम उठाए जिनमें शामिल हैं - ‘सीकर निर्मिति केंद्र’, ‘वारहेड उत्पादन केंद्र’ का निर्माण,बी डी एल की ओर से पूर्णत: देशी रूप से डिज़ाइन कर तैयार किये गये उपकरण – कांकूर्स मिसाइल परीक्षण उपकरण (के एम टी ई) और कांकूर्स लाँचर परीक्षण उपकरण (के एल टी ई) का उद्घाटन हाल ही में किया गया है। इनके अलावा बी डी एल परिसर में ही सतहधारी प्रतिष्ठापन प्रौद्योगिकी सुविधा, उन्नत निष्पादन संगणन सुविधा, देशीकरण के लिये चुनी गयी वस्तुओं के लिए ई ओ आई (EoI) जारी करना आदि। इन प्रयासों से न केवल ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान साकार होगा बल्कि राष्ट्र के लिए बड़ी मात्रा में बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी।
- रक्षा क्षेत्र में सरकार द्वारा घोषित विभिन्न नीतियों के चलते और निषिद्ध ‘आयात सूची’ तैयार की जाने से रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को परोक्ष रूप से लाभ मिलेगा। इस दिशा में, बीडीएल द्वारा भारतीय थल सेना को वर्तमान में आपूर्त की जा रही अस्त्र-प्रणालियों में हमेशा आयात की जाने वाली वस्तुओं के देशीकरण में उल्लेखनीय सफलता हासिल की गई है। साथ ही, बी डी एल विभिन्न मिसाइल में इस्तेमाल किये जाने वाले विभिन्न घटकों के देशीकरण के लिए एम एस एम ई सहित इस उद्योग के अन्य विक्रेताओं को भी निरंतर प्रोत्साहित करता आ रहा है।
- इसके अलावा, बी डी एल विक्रेताओं को अपने पास उपलब्ध परीक्षण सुविधाएँ देकर तकनीकी सहयोग भी प्रदान कर रहा है। साथ ही, स्टार्ट-अप की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहन देने स्पष्ट कार्यवाहियॉं भी तैयार की गयी हैं। बी डी एल, भारतीय सशस्त्र सेनाओं के लिए एक वृहत् प्रतिमारक समाधान के रूप में तैयार कर आपूर्त की जाने वाली प्रतिमारक अवसर्जन प्रणाली (सी एम डी एस)के प्रमुख भाग ‘इन्फ्रारेड फ्लेयर’ के उत्पादन में प्रौद्यागिकी अंतरण (ToT) के लिए डी आर डी ओ के साथ मिलकर काम कर रहा है। फिलहाल ये घटक आयात किये जा रहे हैं।
- बी डी एल लगातार अपनी विनिर्माण तकनीक व और प्रक्रियाओं को उत्कृष्ट बनाता आ रहा है। इनमें इंडस्ट्री 4.0, रोबोटिक्स संचालित कार्यशालाएँ, नवीनतम सतहधारी प्रतिष्ठापन संयोजन लाइनें शामिल हैं। और, ए एस 9100, ‘जीरो डिफेक्ट’ जैसी उत्तम गुणता आश्वासन पद्धतियाँ अपनाते हुए अपने सभी उत्पादों में उच्च गुणता मानदण्ड बनाये रखा गया है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, उत्पादन लागत में कमी आयी है, उत्पादन मानदण्डों का एक मानक बना है, प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकरण संभव हो पाया है। और, साथ ही, निर्यात की जा रही प्रौद्योगिकी पर निर्भरता कम हुई है।
- किसी भी कंपनी की सफलता और प्रगति में नवोन्मेष का होना जरूरी है। बी डी एल ने हमेशा नवोन्मेष को अपने अनुसंधान प्रयासों में शामिल किया है। इस क्रम में अनुभव और ज्ञान के बीच संतुलन बनाये रखने के लिये उद्योग और शिक्षा-क्षेत्र के बीच एक तालमेल बनाये रखा गया है।
- बी डी एल अपने नवोन्मेषी कार्यक्रमों में स्टार्ट-अप कंपनियों को भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करता आ रहा है। यह काम रक्षा मंत्रालय के ‘रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवोन्मेष’ (इन्नोवेशन फॉर डिफेंस एक्सलेंस iDEX) तथा तेलंगाना राज्य सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।
- वर्तमान बाजार का रुख बताता है कि विश्व के कई देश अगली पीढ़ी की अस्त्र-प्रणालियाँ बनाने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। इसे देखते हुए बी डी एल ने भी विभिन्न स्टार्ट-अप कंपनियों की भागीदारी से सशस्त्र सेनाओं के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त उत्पाद बनाने का काम शुरू कर दिया है।
- बी डी एल ने अपने अनुसंधान एवं विकास प्रयासों के अंतर्गत तीसरी पीढ़ी का टैंकरोधी संचलित प्रक्षेपास्त्र (ATGM) बनाया है। इसके सफल प्रयोक्ता परीक्षण के बाद इसे भारतीय सशस्त्र सेनाओं को देने के साथ-साथ इसे निर्यात के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा।
- कंपनी ने अपने उत्पादों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित प्रौद्योगिकी के विकास के लिये इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) हैदराबाद के साथ अनुबंध ज्ञापन प्रलेख पर हस्ताक्षर किये हैं। सशक्त प्रौद्योगिकी अंतरण के साथ नयी मिसाइलें व अंतर्जलास्त्र बनाने के लिए विदेशी मूल विनिर्माणकर्ता (OEMs) के साथ संबंध स्थापित करते हुए ‘मेक इन इंडिया’ की लक्ष्य-प्राप्ति पर बल दिया जा रहा है।
- बी डी एल ने कई देशी और विदेशी संगठनों के साथ आपसी व्यापार हितों के विभिन्न क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये हैं।
- भारत सरकार द्वारा अपनाये गये 'व्यापारिक सुगमता' दृष्टिकोण ने कंपनी को स्वदेशी रूप से उत्पाद बनाकर, भारतीय सशस्त्र सेना व वैश्विक खरीदार दोनों के लिए अपनी सेवाएँ उपलब्ध कराने एक स्वदेशी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
- कंपनी, मार्च 2018 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में अपना नाम दर्ज करते हुए स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध हुई है। बी डी एल, मिसाइल और संबद्ध रक्षा उपकरण विनिर्माण के क्षेत्र में पाँच दशक से अधिक के विस्तृत अनुभव, सुविकसित कौशल और अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठाते हुए हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, वायु रक्षा प्रणालियॉं, अंतर्जलास्त्र और Mines जैसी नयी अस्त्र प्रणालियों के विनिर्माण की ओर अग्रसर है।
- तकनीकी उत्कृष्टता-प्राप्ति की चाह हमेशा से इस उद्यम की पथ-प्रदर्शक शक्ति रही है। फलस्वरूप, यह अपने उपनाम ‘शांति का आधार अस्त्र-बल’ को चरितार्थ करने में कामयाब रहा है।
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पृष्ठ की अंतिम अद्यतन तिथि:14-08-2025 03:34
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