निदेशक मण्डल
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
- कमोडोर ए माधवाराव (से.नि.) ने भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। मार्च 2020 में इन्होंने अधिशासी निदेशक के रूप में बीडीएल में अपने कामकाज की शुरूआत की थी और वर्तमान में वे निदेशक (तकनीकी) सहित निदेशक (उत्पादन) पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे।
- विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों के पूर्व छात्र रहे कमोडोर माधवाराव के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार में एमई, डिफेंस स्टडीज में एमएससी, वित्त में एमबीए और प्रबंधन अध्ययन में मास्टर डिग्री प्राप्त हैं। बीडीएल में अपने वर्तमान सेवाकाल के अनुभव के अतिरिक्त इनका भारतीय नौसेना में तीन दशकों से अधिक का शानदार करियर रहा है।
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बीडीएल में अपनी पिछली नियुक्तियों के दौरान इन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों को विश्वसनीय समर्थन प्रदान करने के लिए एक उत्पाद सहायता समूह की स्थापना करने के साथ-साथ घरेलू अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बढ़ाने और उत्पादन कार्यक्रम को पूरा करने के लिए एक प्रभावी आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कंपनी रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' की प्राप्ति और फास्ट-ट्रैक आधार पर भविष्य की पीढ़ी की उन्नत मिसाइलों के निर्माण की दिशा में पहल कर सके इस दृष्टि से बीडीएल में बुनियादी ढांचे के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनके अतिरिक्त भारतीय सशस्त्र बलों/रक्षा मंत्रालय और अन्य देशों के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया जिससे कंपनी की मौजूदा ऑर्डर बुक स्थिति और भी मजबूत हो पायी है।
- भारतीय नौसेना में अपने कार्यकाल के दौरान, कमोडोर माधवाराव को 'कारगिल' और 'पराक्रम' ऑपरेशन में भी भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ। इन्होंने भारतीय नौसेना में परमाणु पनडुब्बियों को शामिल करने के लिए विशाखापट्टणम में परमाणु सुरक्षा क्षेत्र संगठन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय नौसेना की दो श्रेणियों की पनडुब्बियों पर काम करते हुए परमाणु पनडुब्बी ‘चक्र’ को शामिल करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने नौसेना के तीन अग्रिम पंक्ति के जहाजों पर भी काम किया है और विशाखापट्टणम में कमांड मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के एकीकृत मुख्यालय में प्रमुख पदों का उत्तरदायित्व सँभालते हुए भविष्य की योजना और नीति निर्माण का कार्य किया।
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इनका नौसेना डॉकयार्ड के साथ एक लंबा संबंध रहा है। उन्होंने नौसेना डॉकयार्ड विशाखापट्टणम में महाप्रबंधक तकनीकी के रूप में कार्य किया और नौसेना डॉकयार्ड आधुनिकीकरण के लिए दीर्घकालिक परिप्रेक्षी योजना तैयार की।
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बीडीएल और भारतीय नौसेना के शीर्ष प्रबंधन के सदस्य के रूप में कमाडोर माधवाराव ने रक्षा क्षेत्र में विभिन्न 'मेक-इन-इंडिया' कार्यक्रमों को संचालित करने में उत्कृष्ट नेतृत्व प्रदान किया है, जिसने कंपनी और राष्ट्र दोनों को समृद्धशाली बनाने में योगदान दिया है।
कमोडोर ए माधवाराव (से.नि.)
अध्यक्ष एवं. प्रबंध निदेशक
सरकारी निदेशक
- डॉ. श्री बी एच वी एस नारायण मूर्ति, महानिदेशक (एम एस एस) एवं विशिष्ट वैज्ञानिक को हमारी कंपनी के निदेशक मंडल में सरकारी नामित निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया।
- ये एक प्रसिद्ध रक्षा वैज्ञानिक हैं और भारत में रक्षा और एयरोस्पेस अनुप्रयोगों के लिए उन्नत एवियॉनिक्स प्रौद्योगिकियों के देशी डिजाइन और विकास में अपने अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रसिद्ध हैं।
- निदेशक और कार्यक्रम निदेशक के रूप में इन्होंने अनुसंधान केंद्र इमारत (आर सी आई) का नेतृत्व किया जो डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स की एक एवियॉनिक्स प्रयोगशाला है तथा एवियॉनिक्स के डिजाइन, विकास और सुपुर्दगी और मिसाइल तथा निर्देशित हथियार प्रणालियों की विस्तृत श्रृंखला का संचालन करती है। इन्होंने वरंगल के आर ई सी से इलेक्ट्रॉनिक्स अण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक और हैदराबाद, जे एन टी यू से एम-टेक, हैदराबाद आई आई आई टी से कंप्यूटर साइंस में पी.एच.डी की उपाधियाँ प्राप्त की हैं। इन्होंने वर्ष 1986 में डी आर डी ओ में कार्यभार ग्रहण किया।
- डॉ. मूर्ति मिसाइल सिस्टम और अन्य रक्षा अनुप्रयोगों के लिए एडवांस्ड ऑनबोर्ड कंप्यूटर (ओ बी सी) प्रौद्योगिकियों के चीफ आर्किटेक्ट हैं। पिछले तीन दशकों में इनका निरंतर योगदान और प्रौद्योगिकी नेतृत्व भारत को एडवांस्ड रियल टाइम एंबेडेड कंप्यूटर्स, मशीन कंप्यूटिंग सिस्टम और अन्य एवियॉनिक्स टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने के लिए परिवर्तनकारी रहा है।
- इन्होंने ‘मिशन शक्ति’, भारत का पहला एंटी सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट (ए-सैट) और लंबी दूरी की मिसाइल अग्नि-5 के लिए एडवांस एवियॉनिक्स के डिजाइन और विकास का नेतृत्व किया तथा भारत को चुनिंदा देशों के संघटन में ऊपर उठाया और देशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत किया।
- परियोजना निदेशक के रूप में इन्होंने स्मार्ट एटी-एयरफील्ड वेपन (एस ए ए डब्ल्यू) की अवधारणा,डिजाइन और विकास का नेतृत्व किया और स्टीक प्रहार क्षमताओं के साथ लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली स्मार्ट गाइडेड प्रणाली की नींव रखी।
- इनके अनुसंधान एवं विकासपरक योगदान का महत्वपूर्ण एयरोस्पेस और मिसाइल प्रौद्योगिकियों के देशीकरण पर बड़ा प्रभाव पड़ा। इनके विशिष्ट योगदान के लिए, इन्हें कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया की मानद फेलोशिप से सम्मानित किया गया है तथा इंडियन नेशनल अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग (आई एन ए आई) और इंडियन सोसाइटी ऑफ सिस्टम्स फॉर साइंस अण्ड सइंजीनियरिंग के फेलो के रूप में चुना गया है।
- डॉ. मूर्ति को प्रदान किये गये अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार में एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा रॉकेट और रिलेटेड टेक्नोलॉजी अवार्ड, आत्मनिर्भरता में उत्कृष्टता के लिए अग्नि अवार्ड, डी आर डी ओ साइंटिस्ट ऑफ द इयर अवार्ड, पाथ ब्रेकिंग रिसर्च / आउटस्टैंडिंग टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट अवार्ड और डी आर डी ओ परफॉरमेंस एक्सलेंस अवार्ड शामिल हैं।
डॉ बी एच वी एस नारायण मूर्ति
महानिदेशक (मिसाइल एवं स्ट्रेटजिक सिस्टम्स)
- श्री अनुराग बाजपेयी, 1994 बैच के आई एफ एस है। वें इंदिरागाँधी राष्ट्रीय अकादमी, देहरादून में प्रशिक्षण प्राप्त किये। अर्थशास्त्र, वित्तीय प्रबंधन और जनसंचार में स्नातकोत्तर की उपाधियाँ प्राप्त की हैं। वें इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, इटली, डेनमार्क, बेल्जियम, मलेशिया, बेहरीन और ब्रजिल सहित विभिन्न देशों में फॉरेस्ट, पर्यावरण नीति उर्जा, महिला सशक्तीकरण और वैश्विक शासन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्राप्त किया है। इन्होंने खाद्य और कृषि संगठन (एफ ए ओ), रोम में एक परियोजना पर 3 महीने तक काम किया। साथ ही, 32 देशों की यात्रा की और नीति नियोजन एवं प्रशासन में अनुभव प्राप्त किया है।
- भारत सरकार में श्री अनुराग बाजपेयी ने कानूनी रूप से वनिकी मंजूरी की प्रक्रिया में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत में पहली पवन उर्जा नीति तैयार की हैं। उन्होंने कौशल विकास, शिक्षा,बुनियादी ढांचे के विकास और महिला सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इन्होंने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में निदेशक,आदिवासी और अल्पसंख्यक मंत्रालय में वन के सहायक महानिरीक्षक एवं उप सचिव और निदेशक के रूप में सेवाएँ दीं।
- अपने मूल केडर यानी मणिपूर में प्रभागीय वन अधिकारी से लेकर कई वरिष्ठ पदों पर कार्य किया और प्रशासनिक अनुभव प्राप्त किया है। इन्होंने वन एवं पर्यावरण विभाग और खाद्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग विभाग में सेवाएँ प्रदान की। वें भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय, रक्षा उत्पादन विभाग में उप सचिव के रूप में कार्यभार-ग्रहण करने से पूर्व वन विभाग में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मणिपूर में वाणिज्य एवं औद्योगिक विभाग में पारंपरिक कारिगारों और शिल्पकारों के आर्थिक अधिकारिता मिशन (MEETAC – Mission for Economic Empowerment of Traditional Artesian & Craftsmen) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी ई ओ) के रूप में कार्य किये।
श्री अनुराग बाजपेयी
संयुक्त सचिव (डी आई पी)
पूर्णकालिक निदेशक
- श्री नूका श्रीनिवासुलू ने दि. 01 जुलाई, 2020 को भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय अधीन मिनीरत्न श्रेणी-1 सार्वजनिक उद्यम भारत डायनामिक्स लिमिटेड के निदेशक (वित्त) के रूप में कार्य-भार ग्रहण किया।
- उस्मानिया विश्वविद्यालय से वाणिज्य विषय में स्नातक और वित्त में एम बी ए उपाधि प्राप्त की हैं।
- श्री श्रीनिवासुलू को वित्त से संबंधित विविध क्षेत्रों में 30 वर्ष का समृद्ध अनुभव प्राप्त है, जिसमें 24 वर्ष बीडीएल में कार्य किये।
- इस नये पद पर कार्य-भार ग्रहण करने से पूर्व इन्होंने बीडीएल में महाप्रबंधक (वित्त) रूप में सेवाएँ दीं।
- बीडीएल में कार्यकाल के दौरान इन्होंने कंपनी के मैडेन आई पी ओ के लिए यांकर्स इनवेस्टर्स के साथ कार्य करने में और भारतीय लेखा मानक, कोशागार प्रबंधन, कराधान, बजट नियंत्रण और पॉलसी फॉरमूलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
श्री नुका श्रीनिवासुलू
निदेशक (वित्त)
स्वतंत्र निदेशक
श्री सुनील चिंतमन मोने मुंबई के पेशेवर चार्टर्ड अकाउण्टेंट हैं। कॉमर्स में स्नातक उत्तीर्ण होने के उपरांत वर्ष 1981में सी ए परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए। वर्तमान में वें एशियन डेवेलपमेंट बैंक में अन्य परियोजनाओं के लिए सीनियर फाइनेंशियल मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट के रूप में कार्य कर रहे है। इसके साथ-साथ ग्रॉट थोर्नटन परियोजना में फाइनेंशियल मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट भी हैं। इससे पहले इन्हें प्राइवेट सेक्टर ऑडिट, टैक्सेशन और इंडस्ट्रीस लोन असेसमेंट में एस बी आई के साथ कार्य करने का गहन अनुभव प्राप्त है। इन्हें सरकारी क्षेत्र में 22 वर्ष का अनुभव प्राप्त है और सी एस एस योजना, पी एम जी एस वाई,एमजीएनआरईजीएस, आई डब्ल्यू एम पी, इरिगेशन कॉर्पो., यूएलबी, पीएफएमएस, टूरीसम इत्यादि क्षेत्रों में वितीय सलाहकार/लेखपरीक्षक/नियंत्रक के रूप में वित्तीय मामलों में अधिक सक्रीय रहे। सी अण्ड ए जी में आईसीएआई और यशोदा में अतिथि संकाय भी हैं।
इन्होंने समाज की उन्नति के लिए अपना योगदान दिया। साथ ही, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम और अन्य स्थानीय एन जी ओ के साथ भी कार्य किया।
श्री सुनील चिंतमन मोने
प्रो. (डॉ) संघमित्रा मिश्र, शिखा ‘ओ’ अनुसंधान (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 की धारा 3 के तहत एक मानित विश्वविद्यालय के रूप में घोषित) में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है। संस्था के क्रिटिकल केयर यूनिट के साथ-साथ कॉर्डियो-थोरॉकिक अनेस्थेशिया पार्ट अण्ड रिसर्च इनीशिएटिव विभाग सँभाल रही है। ये ऐसे एकमात्र संकाय हैं जिन्हें अनेस्थेसियोलॉजी में एम डी की नियमित उपाधि के साथ-साथ इंडियन कॉलेज ऑफ क्रिटिकल केयर (क्रिटिकल केयर मेडिसिन में इंडियन डिप्लोमा) से स्नातक की उपाधि, नारायण हृदयालय, बेगलूरू से कॉर्डियाक अनेस्थेशिया में अधि-सदस्यता, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ रिसर्च यूनिवर्सिटी, गाँधीनगर से रिसर्च मेथडॉलजी में सर्टिफिकेट कोर्स और 2D ECHO कार्डियोग्रॉफी (मेडवर्सिटी) में अधि-सदस्यता प्राप्त है। इन्हें एम के सी जी मेडिकल कॉलेज, बेरहमपुर, एस सी बी मेडिकल कॉलेज, कटक, कलिंगा अस्पताल, भुवनेश्वर, नारायण हृदयालय, बेंगलूरू, सर गंगाराम अस्पताल, नयी दिल्ली और आई एम एस अण्ड एस यू एम अस्पताल, भुवनेश्वर जैसे निजी और सार्वजनिक / सरकारी दोनो क्षेत्र में कार्यानुभव है।
प्रो. (डॉ) संघमित्रा मिश्र
श्री राजेद्र सिंह शेखावत ने बी. एससी (साइंस स्नातक) और एल एल बी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और अपर पुलीस अधीक्षक (राजस्थान पुलीस) के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इन्होंने राजस्थान पुलिस में दि. 01/01/2011 से 01/08/2012 तक सहायक आयुक्त पुलिस और दि.01/08/2012 से 13/01/2013 तक राजस्थान पुलिस में भ्रष्टाचार मुक्त ब्यूरो में अपर पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया। इन्हें राष्ट्रपति पुलिस मेडल प्राप्त हुआ, जो पुलीस विभाग में विशिष्ट सेवाओं के लिए दिया जाने वाला उत्कृष्ट पुरस्कार है, जिसे भूतपूर्व राष्ट्र्पति श्री ए पी जे अब्दुल कलाम के करकमलों से प्राप्त किया।
श्री राजेंद्र सिंह शेखावत
नंद कुमार सुब्बुरामन, मेसर्स पर्फिंट हेल्थकेयर के संस्थापक है। वें अपना कैरियर जी ई हेल्थकेयर में शुरुआत किये और आपूर्ती श्रुंखला, प्रचालन, सिक्स सिग्मा, बिक्री एवं वित्त में कई तरह के कार्य किये।
इससे पहले वें जी ई हेल्थकेयर में वित्त-दक्षिण एशिया के उपाध्यक्ष के रूप में भूमिका निभायीं। वें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ, भारत और गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, तिरुनेलवेली, भारत के छात्र रहे।
श्री नंद कुमार सुब्बुरामन
डॉ पवन स्थापक ने एम बी बी एस, डीओएमएस और एम एस की उपाधियाँ प्राप्त की। वें जनज्योति सूपर स्पेशालिटी आई अस्पताल और दादा वीरेंद्र पुरी जी आई इंस्टीट्यूट में निदेशक रहें। ये कॉर्निया अंधत्व मुक्ति भारत अभियान (सीएएमबीए) के राष्ट्रीय संयोजन और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सशक्तीकरण (एनआईईपीवीडी) भारत सरकार के राष्ट्रीय संस्थान के सदस्य रहे। वर्ष – 2009 में चिकित्सा सेवाओं के लिए इन्हें इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया।
डॉ पवन स्थापक
श्री जशवंत लाल सोनकर उत्तरप्रदेश से हैं। उन्होंने अवध विश्वविद्यालय से बी एस सी, उपाधि प्राप्त की। ये समाज सेवा क्षेत्र से जुड़े हुए है।
श्री जशवंत लाल
Last Updated/Reviewed Date: 05/04/2021